AN UNBIASED VIEW OF SHIV CHALISA LYRICSL

An Unbiased View of shiv chalisa lyricsl

An Unbiased View of shiv chalisa lyricsl

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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

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पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

Shri Shiv Chalisa is vital as it retains an unconditional hymn that is devoted to Lord Shiva. During the chalisa, you can find forty verses that praise and invoke the blessings of Lord Shiva. The Chalisa will work to be a connector to connect devotees towards the divine energy of Lord Shiva and take his pilotage, blessings, and protections.

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा shiv chalisa in hindi विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

दोस्तों श्री शिव जी के लोकप्रिय भजन पर हमारी शोध एवं लेखन कार्य जारी है। अतिशीघ्र यहां पर आपको और भजन पढ़ने को मिलेगा। आपको श्री शिव जी का कौन सा भजन ज्यादा अच्छा लगता है, जरूर बताइएगा।

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